केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मसूरी में LBSNAA के 99वें फाउंडेशन कोर्स के दीक्षांत समारोह को किया संबोधित

नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में 99वें फाउंडेशन कोर्स के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने देश के युवा अधिकारियों को प्रोत्साहित करते हुए आत्मनिर्भर और विकसित भारत निर्माण के लिए उनका मार्गदर्शन किया।

2047 तक भारत को हर क्षेत्र में प्रमुख बनाएंगे: अमित शाह
गृह मंत्री ने युवा अधिकारियों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमें 2047 तक भारत को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने का लक्ष्य दिया है। उन्होंने बताया कि यह लक्ष्य तभी संभव होगा जब सभी 140 करोड़ भारतीय एकजुट होकर इस दिशा में कार्य करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह मिशन तभी सफल होगा जब हर भारतीय को समान अवसर मिलेगा और वे आत्मसम्मान के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।

सिविल सेवा में दूसरों के कल्याण की भावना जरूरी
अमित शाह ने सिविल सेवा अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों से अवगत कराते हुए कहा कि सिविल सेवा में सबसे महत्वपूर्ण मंत्र है— “स्व से पर”, यानी पहले दूसरों के बारे में सोचें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उन्हें हमेशा लोगों के जीवन को सुधारने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ‘Whole of Government approach’ का पालन करते हुए ही किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान
गृह मंत्री ने बताया कि इस बार चयनित अधिकारियों में 38 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो सरकार की महिला सशक्तिकरण नीति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि जब तक देश की आधी जनसंख्या नीति निर्धारण में सक्रिय रूप से शामिल नहीं होगी, तब तक प्रधानमंत्री मोदी के ‘Women-led Development’ के लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सकता।

विकास का रास्ता: नीति से आगे परिणाम
अमित शाह ने सिविल सेवा अधिकारियों से कहा कि विकास केवल आंकड़ों से नहीं, बल्कि वास्तविक परिणामों से होता है। उन्होंने विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की बात की और कहा कि यह अधिकारी का दायित्व है कि वह सुनिश्चित करें कि सभी नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं जैसे शौचालय, बिजली और अन्य आवश्यक सेवाएं प्राप्त हों।

GST और Make in India की सफलता
अमित शाह ने जीएसटी की सफलता का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में पहले यह माना जाता था कि जीएसटी सफल नहीं होगा, लेकिन आज यह देश की आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन चुका है। उन्होंने ‘Make in India’ पहल को भी भविष्य में देश की शान बताया, क्योंकि अब भारत दुनियाभर के विनिर्माण क्षेत्र में एक आकर्षक केंद्र बन चुका है।

जम्मू-कश्मीर और नक्सलवाद पर कड़ी नीतियां
गृह मंत्री ने जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, पूर्वोत्तर में उग्रवाद और नारकोटिक्स के खिलाफ मोदी सरकार की कड़ी नीतियों की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि 31 मार्च, 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।

तकनीकी सुधार और न्याय व्यवस्था में बदलाव
अमित शाह ने नए आपराधिक कानूनों का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने ब्रिटिशकालीन पुराने कानूनों की जगह तीन नए आपराधिक कानून पेश किए हैं। इन कानूनों के लागू होने से न्याय व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और दोष सिद्धि की दर अगले 10 वर्षों में 90 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।

योग और ध्यान को जीवन में शामिल करने का आह्वान
गृह मंत्री ने अधिकारियों को तनाव और चिंता से बचने के लिए योग और ध्यान को अपने जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि चिंता सोचने की क्षमता को प्रभावित करती है, इसलिए समस्याओं का समाधान चिंतन और व्यवस्था से निकाला जा सकता है।

अमित शाह का यह संबोधन युवा अधिकारियों को प्रेरित करने और उन्हें राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्य करने के लिए मार्गदर्शन देने वाला था।

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